Saturday, October 13, 2007

हमारे और तुम्हारे बीच

तुमने लिख पूछा है !कैसा है मेरा प्यार तुम्हारे लिए ,
कैसे बताऊँ ?
ना व्यक्त होता है ना अभिव्यक्त
ना लिख कर बता सकता हूँ ,ना इशारों से ,
बस !
जिस दिन वर्षा हो ,और झाडियाँ थमें ,
जरा कमरे से निकल ,आकाश कि ओर देख लेना ,
शायद ,इन्द्रधनुष निकला हो ,
सप्त्रंगी !!
वही देगा उत्तर ,तुम्हारे प्रश्न का
कि
कितने रिश्ते संलिप्त है
हमारे और तुम्हारे बीच .

5 comments:

Gyan Dutt Pandey said...

बिल्कुल ऐसे ही होता है मित्र जैसा आपने लिखा है।

कर चुके हो गहरे से! :-)

Udan Tashtari said...

सतरंगी प्यार-बहुत खूब!!

भेज दी चिट्ठी लिखकर कि नहीं??? :)

Pramendra Pratap Singh said...

बढि़या भाई,

आपकी पहेली का उत्‍तर, नही मिला, पर आप आपकी यह रचना पढ़ कर अच्‍छा लगा।

रवीन्द्र प्रभात said...

पढ़कर अच्छा लगा,बहुत खूब!

Prem Piyush said...

छोटी सी मगर, भावनाएँ काफी गहरी है ।