वेब सर्फ़ करते हुए, बजी बॉय हाथ लगा , सोचा ये कॉमिक आप लोगो से भी शेयर करता चलूँ...ये कॉमिक्स पढ़ कर बचपन की याद आ गयी.
For More Cartoons Visit Buzziboy....
Tuesday, September 16, 2008
Subscribe to:
Posts (Atom)
विचारों की जमीन पे आपका स्वागत है ,मैं यहाँ जयादा कुछ नही लिखूंगा बस्स रविन्द्र नाथ टैगोर की ये पंक्तियाँ ही वयक्त करेंगी ।। जो पूजायें अधूरी रहीं ,वो व्यर्थ ना गयीं। जो फूल खिलने से पहले मुरझा गए , और नदियाँ रेगिस्तान मे खो गईं, वो भी नूस्त ना हुईं। जो कुछ रह गया जीवन में जानता हूँ !!! निसफल ना होगा , जो मैं गा ना सका ,जो बजा ना सका , हे प्रकृती ! वह तुमारे साज़ पे बजता रहेगा । ।