मेरी आखों पे मरता था
मेरी बातों पे हँसता था
नाजाने शख्स था वो कैसा
मुझे खोने से डरता था
मुझे जब भी वो मिलता था
यही हर बार कहता था
सुनो !!!!!
अगर मैं भूल जाऊं तो,
अगर मैं रूठ जाऊं तो
कभी वापिस न आऊं तो
भुला पाओगे ये सब कुछ
यूँही हँसती रहोगी क्या
यूँही सजती रहोगी क्या
यही बातें हैं बस उसकी
यही यादें हैं बस उसकी
मुझे इतना पता है बस ……!
मुझे वो प्यार करता था ,
मुझे खोने से डरता था!!!!!!!!!!!!!!
Saturday, March 15, 2008
Saturday, March 1, 2008
प्रतीक्षारत हूँ !!!!!!
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