तुमने लिख पूछा है !कैसा है मेरा प्यार तुम्हारे लिए ,
कैसे बताऊँ ?
ना व्यक्त होता है ना अभिव्यक्त
ना लिख कर बता सकता हूँ ,ना इशारों से ,
बस !
जिस दिन वर्षा हो ,और झाडियाँ थमें ,
जरा कमरे से निकल ,आकाश कि ओर देख लेना ,
शायद ,इन्द्रधनुष निकला हो ,
सप्त्रंगी !!
वही देगा उत्तर ,तुम्हारे प्रश्न का
कि
कितने रिश्ते संलिप्त है
हमारे और तुम्हारे बीच .
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
5 comments:
बिल्कुल ऐसे ही होता है मित्र जैसा आपने लिखा है।
कर चुके हो गहरे से! :-)
सतरंगी प्यार-बहुत खूब!!
भेज दी चिट्ठी लिखकर कि नहीं??? :)
बढि़या भाई,
आपकी पहेली का उत्तर, नही मिला, पर आप आपकी यह रचना पढ़ कर अच्छा लगा।
पढ़कर अच्छा लगा,बहुत खूब!
छोटी सी मगर, भावनाएँ काफी गहरी है ।
Post a Comment