Sunday, October 19, 2008

मुम्बई किसके बाप की है?

शिवसेना और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) ने एक बार फिर उत्तर भारतीयों पर कहर ढाया है। रेलवे भर्ती बोर्ड की प्रवेश परीक्षा देने मुंबई पहुंचे बिहार और उत्तर प्रदेश के छात्रों को दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं ने कई इलाकों में घेर-घेर कर मारा है। कार्यकर्ताओं ने परीक्षा केंद्रों में घुसकर भी छात्रों की पिटाई और उन्हें वहां से भगा दिया।

आख़िर ये राज ठाकरे चाहता है क्या है.क्यों देश का विभाजन करने में लगा है.ऐसे लोगों को देशद्रोही करार दे कर आजीवन कारावास भेज देना चाहिए. यह बड़े शरम की बात है हर रोज इन की ज़ुबान बदती ही जा रही है और अपने ही देश में अपने ही लोगों के साथ मार पीट की जाती है. यह जो राज जी कर रहे हैं, क्या उनके लिए कोई क़ानून नहीं है. बेचारे ग़रीब छात्रों को मारना पीटना क्या यह सही है? क्या देश के नेता इस गुंडे से परेशान होकर यह सब देखते रहेंगे? केंद्र सरकार को तुरंत दखल देकर राज के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. वरना यह देश बंट सकता है.

मुम्बई राज ठाकरे के बाप की नही हैं.1905 में बाल गंगाधर तिलक ने जब पूर्णस्वराज की मांग की थी, तो उस महान आत्मा ने सिर्फ महाराष्ट्र की आजादी का संकल्प नहीं लिया था बल्कि वह सपना पूरे भारत के लिए था।

उत्तर भारतीयो और अन्य गैर मराठीओ के दम पर मुंबई आज इस मुकाम पर आ गई तो राज ठाकरे और उसके गुंडे आज बिना मेहनत के मलाई खाने आ गये! मुंबई जितनी तुम्हारी है उतनी ही उत्तर भारतीयों या पूरे भारतीयो की भी है! ज़्यादा इतराने की ज़रूरत नहीं है, दिल से गंदी ईर्ष्या निकालो! अपनी जानकारी सही करो, कुएं के मेंढक जैसे मत करो! अपना जनरल नॉलेज बढ़ा लो ! केवल उत्तर प्रदेश की जानकारी ले लो! इस देश को आज़ादी दिलाने के लिए सबसे ज़्यादा उत्तर प्रदेश के लोगो ने ही शहादत दी है!
आज़ादी का पहला बिगुल उत्तर प्रदेश से ही मंगल पांडे द्वारा फूंका गया, और क्या बात करोगे! आज भी कश्मीर मे सबसे ज़्यादा उत्तर भारतीय ही शहीद हो रहे हैं! तुम्हें अगर उत्तर प्रदेश से सही माने में नफ़रत है तो आज से वहां पैदा हुए भगवान राम, कृष्ण, शंकर, उनके पुत्र गणेश की पूजा बंद करो! उत्तर प्रदेश का पैदा किया गेहूं, मक्का, चावल, बासमती चावल, तेल, आलू, फल या अन्य कोई भी वहां की बनी वस्तु खाना या उपयोग करना बंद करो! एक बार जाके देखो, वहां की आबादी केवल 17 करोड़ है! उसमें से बहुत सारे लोग उत्तर प्रदेश के ही सरकारी विभागो में आईएएस, आईपीएस, डॉक्टर, इंजिनियर, साइंटिस्ट, प्रोफेसर, सेना, पुलिस, रेलवे, बैंक, रेलवे , मीडीया, फिल्म,उद्योगो मे, बिजनेस मे या कृषि मे बड़े बड़े ऑफीसर , कर्मचारी या श्रमिक के रूप मे काम कर रहे है, आज से नहीं एक जमाने से! देश मे सबसे ज़्यादा आई ए एस , आई पी एस , अन्य बड़े ओफिसर आज भी वही से पैदा होते है, क्यो ? !वहा का कोई भी शहर या गांव घूम कर देखो! वहां पर भी लोग बहुत ही अच्छी शान शौहत से है ! नोएडा, ग़ाज़ियाबाद ,आगरा , मेरठ , कानपुर , मथुरा ,फ़िरोजाबाद, मुरादाबाद,अलीगढ़, बनारस ,मुगलसराय ,मोदीनगर या लखनऊ, देश के बड़े औद्योगिक शहर है और करोड़ो लोग वहां काम करते है केवल १० -१५ लाख ग़रीब लोग या वे जिनको वहा काम नही मिल पाता या वे जिनको बाहर जाने का बेहतर मौका मिल गया हो वे लोग मुंबई , बंगलोर ,गुजरात,दुबई,इराक़,कनाडा,मारीशस, लंदन ,अमेरिका , ऑस्ट्रेलिया या कही जाते है !और अपनी जबरदस्त मेहनत और प्रतिभा से काफ़ी आगे बढ़ते है !इसमे राज ठाकरे का कोई एहसान नहीं है।

राज ठाकरे को तो बाला साहेब ने लात मारकर निकाल दिया था , कोई पूछ नही रहा था तो कमजोर और ग़रीब लोगो को मारकर राजनीति मे आने का सपना देख रहा है ! इसने आज तक मुंबई या मराठी लोगो के भले के लिए कोई एक काम किया है तो बताओ ! देश तुमसे कोई उम्मीद भी नही कर रहा है !उत्तर भारतीयो की कंपनियो मे काफ़ी मराठियों को भी काम मिला हुआ है !ये सब जाकर देखो, गैर मराठीओ से बेहतर काम कर के दिखाओ, अपने आप ही गैर मराठी लोग को कोई काम नही देगा! और तब तुम और राज ठाकरे दीवाली मनाना( लेकिन दीवाली भी तो उत्तर प्रदेश से ही जुड़ी है)

राज ठाकरे ! मुंबई को बर्बाद मत करो ! बाल ठाकरे के बनाए, सामाजिक आधार को बर्बाद मत करो ! बाल ठाकरे ने मराठियों और पूरे देश के लोगों को साथ लेकर देश द्रोहियो को सबक सिखाया ! मुंबई "भारत माता" की है ! पूरे देश का वित्तीय संचालन यही से होता है, ऐसे कैसे छोड़ देंगे !राज ठाकरे को सोचना चाहिए , मुंबई किसके बाप की है और किसके बाप की नहीं है इसका फ़ैसला करने से पहले यह सोचना चाहिए कि उनसे पहले मुंबई किसकी या किसके बाप की थी और क्या मुंबई उन्हें उत्तराधिकार में मिली या उन्होंने खरीद ली या फिर छीनकर ले ली या चुराकर ले ली या मुंबई का अपहरण कर लिया.
..नही ..नही ..नही. मुम्बई सिर्फ़ तुम्हारे बाप की नही है..ये हमारे भी बाप की है..और सभी भारत-वासियों के बाप की है.